सोमवार, 27 जून 2022

20 रुपये दिहाड़ी मजदूरी से शुरू हुआ आसुराम का सफर, अब असिस्टेंट प्रोफेसर बनकर रचा इतिहास

बाड़मेर के आसुराम गढ़वीर ने लिखी सफलता की नई इबारत: राजस्थान के पश्चिमी इलाके में भारत-पाकिस्तान की सरहद पर बसे बाड़मेर जिले के चौहटन निवासी आसुराम गढ़वीर (Asuram Gadhveer)ने सफलता की नई कहानी लिखी है. आसुराम बचपन में कभी 20 रुपये प्रतिदिन की दिहाड़ी पर काम करते थे. लेकिन उन्होंने अपने सपने को संजोये रखा और पढ़ाई करते रहे. आज आसुराम का सपना पूरा हो गया है. आसुराम ने कॉलेज असिस्टेंट प्रोफेसर (Aassistant professor) में परिणाम में अनुसूचित जाति वर्ग में राज्यभर में पहली रैंक हासिल की है.

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